Your browser does not support JavaScript उत्तर प्रदेश पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट | पुलिस इकाई | विशेष जाँच | हमारे बारे में

हमारे बारे में विशेष जाँच

Special Enquiries is located at6, FLOOR, TOWER-3, POLICE HQ. GOMTINAGAR, EXTN., LKW.
Fax : 0522-    . Ph : 0522-2390251/2390471

Email: splenq@up.nic.in

 

  • अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उत्पीड़न सम्बन्धी मामलों में प्रभावी नियंत्रण एवं उन्हें सुरक्षा/राहत प्रदान करने के उद्देश्य से विशेष जाँच प्रकोष्ठ की स्थापना शासनादेश संख्या :2407/दो-ग-512(4)-73 दिनांक 8-5-1973 के द्वारा पुलिस उप महानिरीक्षक (विशेष कार्याधिकारी) के नियंत्रण/अधीन किया गया जो मुख्यालय पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश का अंग है I वर्ष 1983 में शासनादेश संख्या : 1574(1)/आठ–पु0से0-9-2-83 दिनांक 5-5-1983 द्वारा इस मुख्यालय को पुलिस महानिरीक्षक के अधीन किया गया I वर्ष 1995 में उ0प्र0 शासन के अर्द्धशाकीय पत्र संख्या :1849/छ:-पु0से0 -1995 दिनांक 21-4-1995 द्वारा इस पद को उच्चीकृत करते हुए अपर पुलिस महानिदेशक के नियंत्रणाधीन करते हुए अपर पुलिस महानिदेशक के पद के अतिरिक्त 01 पुलिस महानिरीक्षक, 01 पुलिस उप महानिरीक्षक, 01 पुलिस अधीक्षक, 01 अपर पुलिस अधीक्षक एवं 09 पुलिस उपाधीक्षक के पदों का नियतन निर्धारित किया गया है I
  •    संविधान के अनुच्छेद 17 के अनुसार अस्पृश्यता से उपजी किसी निर्योग्यता को लागू करना अपराध होगा जो विधि अनुसार दण्डनीय होगा I इस अनुच्छेद को प्रभाव में लाने के उद्द्देश्य से संसद ने वर्ष 1955 में अस्पृश्यता (अपराध) अधिनियम (Untouchability Offences Act, 1955) पारित किया तथा बाद में इसको नया नाम सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम,1955 दिया गया I
  • अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अत्याचार सम्बधी मामले सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 में पूर्णतः आच्छादित न होने के कारण संसद द्वारा दिनांक 12-9-1989 को अधिसूचना जारी कर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम,1989 पारित किया गया I इस अधिनियम के प्रावधानों को उचित रूप से क्रियान्वित करने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) नियम,1995 बनाया गया है I
  • शासनादेश संख्या 452/छ:-पु0-15/2003 दिनांक 27-8-2003 द्वारा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) नियम,1995 के नियम-8 के अंतर्गत इस मुख्यालय को `` अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति संरक्षण प्रकोष्ठ ’’ का अतिरिक्त कार्य प्रदान किया गया I

(i)                 परिलक्षित क्षेत्र का सर्वेक्षण करना I

(ii)               परिलक्षित क्षेत्र में लोक व्यवस्था और प्रशांति बनाए रखना I

(iii)             परिलक्षित क्षेत्र में विशेष पुलिस बल तैनात करने के लिए या विशेष पुलिस चौकी की स्थापना के लिए राज्य सरकार को सिफारिश करना I

(iv)             अधिनियम के अधीन अपराध होने के सम्भावित कारणों के बारे में अन्वेषण करना I

(v)               अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सदस्यों में सुरक्षा की भावना को लाना I

(vi)             परिलक्षित क्षेत्र में विधि व्यवस्था की स्थिति के बारे में नोडल अधिकारी और विशेष अधिकारी को सूचित करना I

(vii)           विभिन्न अधिकारियों द्वारा किये गए अन्वेषण और स्थल पर किए गए निरीक्षणों के बारे में पूछताछ करना I

(viii)         नियम 5 के उपनियम (3) के अधीन उन मामलों में, जहाँ पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी  द्वारा उस थाने में रखी जाने वाली पुस्तिका में प्रविष्ट करने से इंकार किया है, पुलिस अधीक्षक द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में पूछताछ करना I

(ix)             किसी लोक सेवक द्वारा जानबूझकर की गई उपेक्षा के बारे में पूछताछ करना I

(x)               अधिनियम के अधीन रजिस्ट्रीकृत मामलों की स्थिति का पुनर्विलोकन करना I

(xi)             उपर्युक्त के संबंध में राज्य सरकार/नोडल अधिकारी को की गई/की जाने के लिए प्रस्तावित कार्यवाई के बारे में एक मासिक रिपोर्ट प्रत्येक पश्चातवर्ती मास की 20 तारीख को या उससे पूर्व प्रस्तुत करना I

  •  शासन द्वारा विशेष जाँच प्रकोष्ठ के निम्न दायित्वों को निर्धारित किया गया है :-

(i)           अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से सम्बन्धित घटनाओं तथा तनाव पैदा करने वाली परिस्थितियों के बारे में जानकारी प्राप्त करके पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 तथा शासन को अवगत कराना और उनके सम्बन्ध में प्रशासनिक दृस्तिकोण से आवश्यक कार्यवाही के विषय में सुझाव देना I

(ii)           प्रत्येक जिले में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से सम्बन्धित अपराधों का विष्लेषण करना और यह पता लगाना कि घटनाओं के क्या कारण हैं और किन कारणों से ये घटनायें होती हैं तथा उनका निवारण किस प्रकार और किस हद तक किया जा सकता है I इस सम्बन्ध में यह भी देखना कि अस्पृश्यता निवारण अधिनियम, अब नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम 1955 के अन्तर्गत जो जुर्म हुये हैं, उनसे कोई तनाव आदि तो नहीं उत्पन्न हुआ है I

(iii)          उपरोक्त मामलों में जनता से प्राप्त होने वाली शिकायतों के सम्बन्ध में शीघ्रता से कार्यवाही कराना ताकि जनता को यह महसूस हो कि पुलिस प्रशासन अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों की कठिनाईयों को दूर करने में जागरूक है I

(iv)         शासन को समय-समय पर सुझाव देना, जिससे इन घटनाओं में कमी हो और प्रशासन सुदृढ़ बनाया जा सके I

(v)       समाचार पत्रों में छपने वाली ख़बरों के आधार पर वास्तविक स्थिति का शीघ्रता से पता लगाना तथा शासन को उससे अवगत कराना साथ ही साथ वस्तुस्थिति से समाचार पत्रों में प्रेस-नोटों द्वारा जनता को अवगत कराना I

(vi)          जिला सुरक्षा योजना में आवश्यक प्रावधान करवाना जिससे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से सम्बन्धित अपराधों, घटनाओं की रोकथाम करने में सहायता मिले I

(vii)        ऐसे व्यक्तियों की सूची बनवाना तथा उनकी गतिविधियों पर निगरानी रखना, जिसके कारण ये घटनाएँ होती हैं तथा इन व्यक्तियों के विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही अथवा गुण्डा अधिनियम आदि के अंतर्गत कार्यवाही करवाना और सुझाव देना I  

       उपरोक्त दायित्वों के अनुपालन हेतु निम्नलिखित कार्य भी प्रकोष्ठ द्वारा सम्पादित किये जा रहे हैं :-

(i)                 अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सदस्यों की जमीन पर अनाधिकार कब्ज़ा हटाने में पुलिस विभाग द्वारा की जाने वाली कार्यवाही की समीक्षा I

(ii)               दलित वर्ग के सदस्यों से सम्बन्धित मामलों में शिथिलता बरतने वाले पुलिस कर्मियों के विरुद्ध कार्यवाही की समीक्षा I

(iii)             अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के पीड़ित लोगों को आर्थिक सहायता दिये जाने की समीक्षा I

(iv)             अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार-निवारण) अधिनियम,1989 के अंतर्गत की जाने वाली कार्यवाही सुनिश्चित कराना I

(v)               शासनादेश संख्या यू0ओ0-90/6-4-91-150(6)-91, दिनांक 5-6-91 द्वारा प्रकोष्ठ अधिकारियों को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति पर अत्याचार सम्बन्धी घटनाओं की रोकथाम के लिये प्रदत्त अन्वेषण शक्तियों का आवश्यकता पड़ने पर उपयोग करना I

(vi)             शासन द्वारा घोषित 20 संवेदन शील जनपदों में स्टाफ़ की नियुक्ति विशेष जाँच प्रकोष्ठ मुख्यालय के अनुमोदन पर जनपदों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक द्वारा किए जाने की समीक्षा व पर्वेक्षण करना I

(vii)           जनपद तथा थानों आदि का निरीक्षण करना I

 

  • शासनादेश संख्या:-7657(2)/आठ-1-150(13)/86,दिनांक27-2-86 द्वारा निम्न 20 जनपदों में विशेष जाँच प्रकोष्ठ  के स्टाफ में एक उपनिरीक्षक नागरिक पुलिस एवं मुख्य आरक्षी नागरिक पुलिस, दो आरक्षी नागरिक पुलिस के नियतन की स्वीकृति प्रदान की गयी है I

(1)        लखनऊ (2) हरदोई  (3) सीतापुर  (4) रायबरेली (5) उन्नाव (6) गोंडा (7) बहराइच (8) बाराबंकी (9) सुल्तानपुर (10) फतेहगढ़ (11) इटावा  (12)बाँदा   (13) जालौन (14) बस्ती (15) गोरखपुर  (16) आजमगढ़  (17) बदायूं   (18) मेरठ (19) वाराणसी  (20) आगरा

  •       उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उत्पीडन सम्बन्धी मामलों के विचारण हेतु विशेष न्यायालयों की व्यवस्था अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की धारा-14 के अंतर्गत किया गया है I वर्तमान में 40 जनपदों में विशेष न्यायालय शासन द्वारा गठित किये गये हैं I अन्य सभी जनपदों में विशेष न्यायालय स्थापित करने का प्रस्ताव शासन में विचाराधीन है I यद्दपि शेष जनपदों में भी जनपद न्यायाधीश के आदेशानुसार नामित अपर सत्र न्यायाधीश ऐसे सभी मामलों का विचारण कर रहे हैं I

शासनादेश संख्या :- यू0ओ0-129/आई-न्या0-9(बजट)-97 समाज कल्याण अनुभाग-3, दिनांक 08-09-97 द्वारा प्रदेश के निम्नांकित 20 जनपदों में विशेष न्यायालय की स्थापना की गई है I

1- फर्रुखाबाद  2- उन्नाव 3-  बस्ती 4- बाँदा 5- इटावा 6- हमीरपुर  7-गोण्डा 8- कानपुर 9- बदायूं 10- सुलतानपुर  11- बाराबंकी  12-बुलन्दशहर  13- गोरखपुर  14- वाराणसी 15- पीलीभीत   16- एटा 17- देवरिया     18- झाँसी  19- फैजाबाद   20- आगरा

        शासनादेश संख्या 538/सात-न्याय-2-2001-124/89 दिनांक 24-05-2001 के द्वारा निम्नांकित 20 जनपदों में विशेष न्यायालय की स्थापना की गई है I

1- कानपुर देहात  2- बहराइच 3- लखनऊ  4- जालौन 5- मेरठ          6- गाज़ियाबाद  7- सिद्धार्थनगर  8- मिर्ज़ापुर  9- चंदौली   10- बलरामपुर  11- फतेहपुर  12- गाजीपुर 13- मैनपुरी  14- कन्नौज 15- हरदोई         16- गौतमबुद्धनगर 17- श्रावस्ती  18- बागपत 19- बरेली               20- ज्योतिबाफुलेनगर में विशेष न्यायालय स्थापित किये गये हैं I

  •   प्रदेश के शेष जनपदों में इसी तरह के विशेष न्यायालय के गठन का प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया गया है , जो शासन स्तर पर विचाराधीन है I
  • शासनादेश संख्या 3150 छ:-पु0-1-07-98/95 दिनांक 18-07-2007 एवं मुख्यालय पुलिस महानिदेशक,उ0प्र0 के अर्द्धशा0 पत्र सं0:- डीजी-चार -106(193)2007 दिनांक 20-7-2007  के अनुसार उ0प्र0 के जनपदों के थानों में 23 प्रतिशत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के थानाध्यक्ष/ प्रभारी निरीक्षक नियुक्त किए जाने का प्रावधान किया गया है I
  • भारत सरकार/राज्य सरकार के निम्नलिखित विभाग/कार्यालय अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उत्पीड़न की रोकथाम हेतु कार्यरत है :-

 

1

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग,बी विंग,5वां तल, लोकनायक भवन , नई दिल्ली- 110003

टेलीफोन  नं0-011-24606802,24635721,24620435

फैक्स नं0-011-24694743, 24632298, 24625378

ई-मेल: chairperson@ncsc@-nic.in

2

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग, बी विंग, 5वां तल , लोकनायक भवन, नई दिल्ली- 110003

टेलीफोन  नं0-011-24635721

फैक्स नं0-011-2462462,

ई-मेल: chairperson@ncst@-nic.in

3

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग का  उत्तर प्रदेश में रीजनल कार्यालय 5वां तल, केन्द्रीय भवन, सेक्टर  ‘एच’ अलीगंज लखनऊ -226024

टेलीफोन  नं0- 0522-4073902,2323860

फैक्स नं0-0522-2330288

4

उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग, 10 वां तल, इन्दिराभवन,अशोकमार्ग ,लखनऊ

टेलीफोन  नं0-0522-2287231

फैक्स नं0-0522- 2287217

5

प्रमुख सचिव, समाज कल्याण     उत्तर प्रदेश शासन ,लखनऊ

टेलीफोन  नं0-0522 -2238083

फैक्स नं0- 0522-2238083

ई-मेल: psecup.30cwel@nic.in

6

निदेशक,समाजकल्याण विभाग, कल्याणभवन, प्रयाग नरायण      रोड ,लखनऊ

टेलीफोन  नं0-0522 -2209259

फैक्स नं0-0522-2209275

ई-मेल: director.sw@dirsamajkalyan.in

 

  • अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के पीड़ित व्यक्तियों के शिकायती प्रार्थना पत्रों पर जनपद / अन्य स्तर पर सुनवाई न होने की दशा में विशेष जाँच मुख्यालय पर सम्पर्क कर सकते हैं I विशेष जाँच मुख्यालय का पता/ फोन नम्बर निम्नलिखित है :-

 

विशेष जाँच मुख्यालय, नौवां तल, जवाहर भवन, अशोक मार्ग, लखनऊ

 

फैक्स नं- 0522-2286468,

फोन नं0-522-2287658

ई-मेल –splenq@up.nic.in

 

 Frequently Asked Questions (FAQs)

WPL
Women Power line
Control Room

Control Room

Fire Brigade

101

Fire Brigade

Ambulance

108

Ambulance

Child Helpline

1098

Child Hepline