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हर घर तिरंगा कार्यक्रम के प्रचार-प्रसार के सम्‍बन्‍ध में

उ0प्र0 पीएसी मुख्‍यालय, महानगर , लखनऊ
फैक्स :0522-2337453.फोन: , 0522-2337452, 2337455
ई मेल:
pachead@uppac.net

हर घर तिरंगा

आजादी का अमृत महोत्‍सव




ADG  SANDESH

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प्रादेशिक आर्म्‍ड कांस्टेबुलरी

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1940 में द्वितीय विश्‍व युद्ध के दौरान उत्तर प्रदेश सेना पुलिस की 13 कम्‍पनियां आंतरिक सुरक्षा बनाये रखने हेतु गठित की गयी जिनकी संख्‍या युद्ध के दौरान बढा कर 36 कम्‍पनियां की गयी । सितंबर 1947 में इसके पुर्नगठन की कार्यवाही की गयी जिनमें 11 बटालियन ( 86 कम्‍पनियां ) गठित की गयीं। ग्यारहवीं बटालियन, पीएसी को प्रशिक्षण बटालियन बनाया गया। वर्ष 1948 में उत्तर प्रदेश सैन्य पुलिस व उत्तर प्रदेश राज्य सशस्त्र पुलिस को मिलाकर प्रादेशिक आर्म्‍ड कांस्टेबुलरी बना। स्थानीय पुलिस द्वारा अपने बल पर गम्‍भीर कानून एवं व्‍यवस्‍था की fस्‍थति को न संभाल पाने के कारण सेना की लगातार तैनाती को रोकने के लिए पीएसी का गठन किया गया था। हालांकि पीएसी का गठन उत्तर प्रदेश में कार्य करने के हुआ था परन्‍तु पीएसी को सम्‍पूर्ण देश में सेवा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ ।

अस्तित्व के इन 65 वर्षों में पीएसी ने विभिन्‍न परिस्थितियों में देश को गौरव प्रदान किया। भारत तिब्‍बत सीमा की रक्षा करने एवं असम में उग्रवाद का दमन करने का कार्य पीएसी ने किया। इसने अपनी ताकत भारत के बाहर नेपाल में भी साबित की। विगत वर्षों में पीएसी ने सांप्रदायिक, धार्मिक, जातीय और क्षेत्रीय गड़बडियों को प्रभावी तौर से निपटाने वालों के तौर पर अपनी प्रतिष्ठा स्‍थापित की है। अक्सर आलोचना के घेरे में रहने पर, आम तौर पर भयवीत करने वाली और कभी-कभी खतरनाक कार्यों के लिये पीएसी एक अत्यधिक मांग वाला अर्द्धसैनिक बल है और अक्सर संकट की स्थिति में अन्य राज्यों में भी तैनात किया जाता है।

पीएसी को वर्तमान सामाजिक परिवर्तन के दौर में खुद को स्‍थापित करने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। पीएसी अपने सदस्यों को राष्‍ट्र निर्माण की प्रक्रिया में योगदान देने हेतु शिक्षित कर रही है। मानवाधिकार, विकास और पर्यावरण से संबंधित कार्यक्रमों के लिए गांवों को गोद लेने से इसकी शुरूआत हो चुकी है। इसके अलावा, रक्तदान शिविर भी आयोजित किये जा रहे हैं।

खेल और साहस की भावना ही पीएसी के मनोबल की आधारशिला है। पीएसी में खेल के शिविरों और साहसिक गतिविधियों के आयोजन नियमित प्रक्रिया है यह मानव संवेदनाओं को आत्मसात और सामाजिक जागरूकता पैदा करने के लिए जनता के साथ विस्तृत संवाद की एक प्रक्रिया को शुरू करती है।

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मूल रूप से गंभीर कानून एवं व्यवस्था की स्थिति और दस्‍यू उन्‍मूलन अभियान के संचालन हेतु गठित पीएसी बल को अब अन्‍य जिम्मेदारियां भी दी जाने लगी हैं। वर्तमान में पीएसी आतंकवाद विरोधी अभियान, अति विशिष्ट व्यक्तियों की सुरक्षा, आपदा राहत हेतु बाढ़, भूकंप, दुर्घटनाओं, आदि में पूर्णरूप से शम्मिलित है। पीएसी की जिम्‍मेदारियां बढने के कारण एक विशेष दृष्टिकोण अपनाये जाने की आवश्‍यकता है जिसके लिये पीएसी के प्रशिक्षण को संशोधित किया गया है और नये पाठ्यक्रम जोडे गये हैं।

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पीएसी को वर्तमान सामाजिक परिवर्तन के दौर में खुद को स्‍थापित करने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। पीएसी अपने सदस्यों को राष्‍ट्र निर्माण की प्रक्रिया में योगदान देने हेतु शिक्षित कर रही है। मानवाधिकार, विकास और पर्यावरण से संबंधित कार्यक्रमों के लिए गांवों को गोद लेने से इसकी शुरूआत हो चुकी है। इसके अलावा, रक्तदान शिविर भी आयोजित किये जा रहे हैं।

खेल और साहस की भावना ही पीएसी के मनोबल की आधारशिला है। पीएसी में खेल के शिविरों और साहसिक गतिविधियों के आयोजन नियमित प्रक्रिया है यह मानव संवेदनाओं को आत्मसात और सामाजिक जागरूकता पैदा करने के लिए जनता के साथ विस्तृत संवाद की एक प्रक्रिया को शुरू करती है।

पीएसी का 65 वर्षों का एक बहुत ही शानदार का इतिहास है। पीएसी ने उ0प्र0 राज्य की ही नहीं बल्कि देश की भी सेवा की है। अब यह देश के गौरवशाली इतिहास को आगे बढ़ाने में अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।

वर्तमान में पीएसी का संगाठत्‍मक संरचना

वर्तमान में पी0ए0सी0 03 जोन, 07 अनुभाग एवं 33 वाहिनियों में विभाजित हैं। पीएसी की 33 वाहिनियों में कुल 273 दल स्‍वीकृत हैं, जबकि जनशक्ति की कमी के कारण वर्तमान में 225 दल विद्यमान हैं। प्रत्‍येक वाहिनी में एक सेनानायक, एक उप सेनानायक, 3 सहायक सेनानायक, एक शिविरपाल एवं 8 या 9 दलनायक नियुक्‍त रहते हैं। प्रत्‍येक दल में 03 प्‍लाटून और प्रत्‍येक प्‍लाटून में 03 सैक्‍सन होते हैं।

वर्तमान में पी0ए0सी0 में एक इंडिया रिजर्व (आई0आर0) वाहिनी 48वीं वाहिनी, सोनभद्र एवं रैपिड रिस्‍पान्‍स (आर0आर0एफ0) की 6ठीं वाहिनी, मेरठ में है। 04 कमांडो दल, ए0के047 रायफलों से युक्‍त हैं। प्रदेश के सर्वाधिक संवेदनशील स्‍थल राम जन्‍म भूमि/बाबरी मस्जिद अयोध्‍या, कृष्‍ण जन्‍म भूमि/शाही ईदगाह मथुरा एवं काशी विश्‍वनाथ मन्दिर/ज्ञानवापी मस्जिद वाराणसी, आगरा ताजमहल सुरक्षा में 27 दल सदैव कर्तव्‍यरत रहते हैं।

SDRF
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METRO
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PAC ORGANISATION CHART

WPL
Women Power line
Control Room

Control Room

Fire Brigade

101

Fire Brigade

Ambulance

108

Ambulance

Child Helpline

1098

Child Hepline